बुन्देलखंड का हर निवासी बुन्देला है


बुन्देलखंड में महाराजा छत्रसाल की शासन सत्ता इस प्रकार थी :–


इस जमना उत नर्मदा,इस चम्बल उत टौंस ।

छत्रसाल सौं लरन की,रही न काहू हौंस ।।







बुधवार, 14 जनवरी 2015

बुंदेलखण्ड क्षेत्र में जलियांवाला बाग नाम से प्रसिद्ध है ग्राम सिंहपुर स्थित चरण पादुका







            चरण पादुका में अमर षहीदों को दी गयी श्रद्धांजली



छतरपुर/14 जनवरी/बुंदेलखण्ड क्षेत्र के जलियांवाला बाग नाम से प्रसिद्ध ग्राम सिंहपुर स्थित चरण पादुका स्थल पर अमर षहीदों को श्रद्धांजली देने के उद्देष्य से समारोह का आयोजन किया गया। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी चरण पादुका स्थल पर उपस्थित स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिकों एवं प्रषासनिक अधिकारियों ने अमर षहीदों को अपनी श्रद्धांजली अर्पित की। समारोह का आयोजन चंदला विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्री आर डी प्रजापति के मुख्य आतिथ्य में किया गया। इस अवसर पर मंचासीन अतिथियों ने श्रद्धांजली समारोह में अपने विचार व्यक्त करते हुये अमर षहीद चरण पादुका स्थल का और अधिक विकास करने पर जोर दिया।


             उल्लेखनीय है कि चरण पादुका स्थल पर अमृतसर के जलियांवाला बाग जैसी घटना 14 जनवरी 1931 को घटित हुयी थी। एक सभा चल रही थी, तभी अंग्रेजी हुकूमत के सैनिकों ने सभा पर गोलीबारी कर दी थी। जिसमें कई लोग षहीद हो गये थे। इन्हीं अमर षहीदों की याद में प्रतिवर्ष श्रद्धांजली समारोह का आयोजन किया जा रहा है।

चरण पादुका स्थल पर लगे हुये एक बोर्ड में षहीद हुये देषभक्तों के नाम लिखे गये हैं। जिनमें अमर षहीद श्री सेठ सुंदर लाल गुप्ता, गिलोंहा, श्री धरम दास मातों, खिरवा, श्री राम लाल, गोमा, श्री चिंतामणि, पिपट, श्री रघुराज सिंह, कटिया, श्री करण सिंह, श्री हलकाई अहीर, श्री हल्के कुर्मी, श्रीमती रामकुंवर, श्री गणेषा चमार, लौंड़ी सहित अन्य नाम लिखे गये हैं। इनके अतिरिक्त कई अमर षहीदों के नाम अज्ञात हैं। षहीद स्मारक चरण पादुका का षिलान्यास भारत के तत्कालीन रक्षा मंत्री श्री बाबू जगजीवन राम के कर कमलों द्वारा 8 अप्रैल 1978 को किया गया था। इसके पष्चात षहीद स्मारक चरण पादुका का अनावरण म0प्र0 के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अर्जुन सिंह के द्वारा 14 जनवरी 1984 को सम्पन्न हुआ था।

               कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी फेडरेषन के अध्यक्ष श्री राम कृपाल चैरसिया, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के अध्यक्ष श्री कमल अग्रवाल, षहीद स्मारक समिति चरण पादुका के संयोजक श्री प्रभात तिवारी, प्रषासनिक अधिकारी एवं पत्रकारगण सहित अन्य लोग मौजूद थे।     




 चरण पादुका में षहीदों को श्रध्दासुमन-समारोह में ष्षामिल नही हुए प्रताप सिंह नन्हे राजा

               नौगाॅव के स्वतंत्रता संग्राम सैनानी के स्वास्थ्य लाभ के लिए किया गया सम्मान समारोह

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               नौगाॅव (छतरपुर ) छतरपुर जिला प्रषासन व्दारा एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संघ व्दारा नौगाॅव जनपद पंचायत क्षेत्र के चरणपादुका षहीद स्मारण स्थल पर आयोजित समारोह में जिला के बरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री प्रताप सिंह नन्हे राजा  को आमंत्रित नही किया गया । इस बात से दुःखी होकर उनका स्वास्थ्य खराब चल रहा था जिसकी जानकारी नौगाॅव नगर के पत्रकारों को लगने पर गणेषषंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब नगर अध्यक्ष राजेष षिवहरे ने अपने साथिओ संपादक श्री इकवाल मामू एवं  श्री नन्हे राजा (ब्लाक अध्यक्ष ) कमलेष जाटव, कौषलकिषोर रिछारिया, नीरज सुल्लेेरे, खेमचन्द्र मुन्ना, राघवेन्द्र मिश्रा, के साथ उनके बंगले पर पहुॅच कर उनके स्वास्थ्य लाभ की कामना की तथा उनके विचारों को सुना । इस अवसर पर पत्रकारों ने उनका फुल मालाओं से स्वागत व सम्मान कर उनके अंदर ख्ुाषियों की ऊर्जा भर दी जिससे वह गद गद प्रषन्न हुए तथा सभी को आषीर्वाद दिया । उनके परिवार के लोगों ने पत्रकारों को आभार प्रदर्षन किया ।

              अपनी उम्र के 96 बर्ष पूरे कर चुके   पूर्व विधायक एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री प्रताप सिंह नन्हे राजा ने अपने जीवन के अनेक स्मरण पत्रकारों के समक्ष सुनाते हुए कहा कि मुझे उपचार के लिए भी सरकार से सुविधाये नही मिल रही है तथा प्रषासनिक अधिकारी आज तक मेरे घर मुझसे मिलने नही आये । उन्होने बर्तमान नेताओं पर कटाछ करते हुए कहा कि नौगाॅव के विकास में मैने अपना जीवन समर्पित किया लेकिन आज मुझे स्थानीय नगर निकाय के प्रषासनिक नेता एवं अधिकारी भूल गये है । बर्तमान सत्ताधारी नेताओ की चाटुकारिता में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का कागजो तक ही सम्मान सीमित है ।

             पूर्व विधायक एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री प्रताप सिंह नन्हे राजा के छोटे पुत्र श्री पदम प्रताप सिंह ने बर्तमान सरकार व्दारा पिता जी के साथ उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि जीवित व्यक्ति के लिए सरकार कुछ नही कर रही है । किसी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की मृत्यु पर सरकारी अमला एवं सहायता राषि देने का क्या अर्थ होता है ।