इस जमना उत नर्मदा,
इस चम्बल उत टौंस ।
छत्रसाल सौं लरन की,
रही न काहू हौंस ।।

उमा भारती जी के मुताबिक बुंदेलखंड अरसे से उपेक्षित है और इस क्षेत्र पर सपा, कांग्रेस, बसपा पैकेज की राजनीति करती रही हैं। लोगों की बुनियादी जरूरतों की पूर्ति अलग राज्य के गठन से ही पूरी हो सकती हैं।
इस क्षेत्र के लोग अलग बुंदेलखंड राज्य की मांग लम्बे समय से करते आ रहे है. प्रस्तावित बुंदेलखंड राज्य में उ.प्र

बुंदेलखंड एकीकृत परिषद द्वारा प्रस्तावित बुंदेलखंड राज्य में कुछ जिले उत्तर प्रदेश के तथा कुछ मध्य प्रदेश के हैं,वर्तमान में
बुंदेलखंड
क्षेत्र की स्तिथि बहुत ही गंभीर है । यह क्षेत्र पर्याप्त आर्थिक
संसाधनों से परिपूर्ण है किन्तु फिर भी यह अत्यंत पिछड़ा है । इसका मुख्य
कारण है,राजनीतिक उदासीनता
चित्रकूट, औरछौ, कांलिजर, उन्नाव तीर्थ,!
पन्ना, खजुराहो जहॅा कीर्ति झुकि झूठी है!!
जमुन,पहुज सिन्धु, बेतवा, धसान, केन!
मन्दाकिनी, पर्यास्वेनी, प्रेमपाय धूमी है!!
पंचम नृसिंह राव चंपतरा छत्रसाल,!
लाला हरदौल भाव-भाव चित चूमी है!!
अमर अनन्दनीय असुर निकन्दनीय!
वन्दनीय विश्व में बुन्देखण्ड भूमि है!!।
रामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास, मुगल
राजा अकबर से लोहान लेने वाली रानी दुर्गावती, राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त,
अंग्रेज़ों को चुनौती देने
वाली रानी लक्ष्मीबाई,
हॉकी खिलाड़ी ध्यानचंद
से
न जाने कितनी
ऐतिहासिक शख़्सियतों ने बुंदेलखंड की धरती पर जन्म लिया
Badhai
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